छुप के देखे, मुस्कुरा के नज़रें झुकाए तो कोई !!
शोख नज़रों के इशारे से कभी बुलाये तो कोई !!
टूट जाये टूटने का गम भी न होगा ;
एक हसीं ख्वाब मुझको दिखाए तो कोई !!
उदास बैठूं, रोया करूँ ,छुप-छुप के तनहाई में ;
मैं रूठ जाऊं तो आके मनाये तो कोई !!
मेरी आँखों में देखे आने वाले कल को ;
मेरे एहसास की गहराई में डूब जाये तो कोई !!
कोई आये न आये, किसी के आने की उम्मीद तो हो '
कभी झूठा वादा कर के दिल को बहलाए तो कोई !!
मैं किस्से कहू "प्रसाद" ,बात दिल की अपनी ;
मेरी हालत सुने और मजाक उडाए तो कोई !!
शोख नज़रों के इशारे से कभी बुलाये तो कोई !!
टूट जाये टूटने का गम भी न होगा ;
एक हसीं ख्वाब मुझको दिखाए तो कोई !!
उदास बैठूं, रोया करूँ ,छुप-छुप के तनहाई में ;
मैं रूठ जाऊं तो आके मनाये तो कोई !!
मेरी आँखों में देखे आने वाले कल को ;
मेरे एहसास की गहराई में डूब जाये तो कोई !!
कोई आये न आये, किसी के आने की उम्मीद तो हो '
कभी झूठा वादा कर के दिल को बहलाए तो कोई !!
मैं किस्से कहू "प्रसाद" ,बात दिल की अपनी ;
मेरी हालत सुने और मजाक उडाए तो कोई !!