Thursday 23 February 2012

इशारे से कभी बुलाये तो कोई !!

छुप के देखे, मुस्कुरा के नज़रें झुकाए तो कोई !!
शोख नज़रों के इशारे से कभी बुलाये तो कोई !!


टूट जाये टूटने का गम भी न होगा ;
एक हसीं ख्वाब मुझको  दिखाए तो कोई !!


उदास बैठूं, रोया करूँ ,छुप-छुप के तनहाई में ;
मैं  रूठ  जाऊं तो आके  मनाये तो कोई !!


मेरी आँखों में देखे आने वाले कल  को ;
मेरे एहसास की गहराई में डूब जाये तो कोई !!


कोई आये न आये, किसी  के आने की उम्मीद तो  हो     '
कभी झूठा  वादा कर के दिल को बहलाए  तो कोई !!


मैं किस्से कहू "प्रसाद" ,बात दिल की अपनी ;
मेरी हालत सुने और मजाक उडाए तो कोई !!







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