Friday 22 June 2012

शेरोशायरी

   इतने हैं मिले जख्म के दिल तार तार है।
  उसपे ये सितम, कहते है कहो न प्यार है।
  कटेंगे   कैसे तू बता जिंदगी के चार दिन ,
  न कोई आरजू है न किसी का  इंतजार है।

हर एक हार किसी जीत की शुरुवात होती है।
हर सुबह से पहली एक लम्बी रात होती है ।
जो हिम्मत हारते नहीं है गिर गिर के राहो में
मुकद्दर में उनहीं जीत की सौगात होती है । 




करती है सरकार भैया।

करती है सरकार भईया !!
आज कल व्यापार भईया !!


इन्हें तो बस वोट चाहिए
देश  का  बँटाधार भईया !! 


गुंडे, मवाली,छुटभइयों से 
संसद है लाचार भईया !!


किसे  पड़ी है सच बोलेगा 
कौन सहेगा मार  भईया !!

ढाई इंच मुस्कान

सुरज बनना मुश्किल है पर , दीपक बन कर जल सकते हो। प्रकाश पर अधिकार न हो, कुछ देर तो तम को हर सकते हो । तोड़ निराश की बेड़ियाँ, ...