जो तुम्हारे दिल में होंगे, मैं वो जज्बात समझ लूंगा ।।
जो तुम कह भी नहीं पाते मैं वो बात समझ लूंगा ।।
तुम बादल हो चाहो जहाँ पर बरस लेना
ये पलकें भीग जाएँगी , मैं बरसात समझ लूंगा।।
जिन्हें भी भूख लगाती है रोटी क्यू नहीं मिलती
कोई ये बात समझा है जो मैं ये बात समझ लूंगा ।।
अच्छा है मुझे देखकर तुम निगाहें फेर लेती हो
कही तुम मुस्कुरा दोगी तो मैं सौगात समझ लूंगा ।।
जो रात आये तो मेरी माँ तू मुझको सुला देना;
मैं नादां हु रात को दिन, दिन को रात समझ लूंगा।।
कहीं कोई भी गिर जाये मैं अक्सर दौड़ पड़ता हू
ये ये उंगली कोई भी पकड़े मैं तेरा हाथ समझ लूंगा।।
जब तक दिल करे चलना,फ़िर रास्ता बदल लेना
नसीब में लिखा था यहीं तक तेरा साथ समझ लूंगा ।।
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