सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

मार्च, 2013 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सच होंगे कभी सपने भी हमारे देखना ।।

चमकेंगी किसी दिन, ये सितारे देखना। सच होंगे कभी सपने भी हमारे देखना। देखना उनको मेरा ,  इस तरह देखना , किसी डुबते का जैसे कि किनारे देखना। जब तुमको ठुकरा देगा कोई तुम्हारे जैसा काम आयेंगे हम ही तुम्हारे देखना।। फांकाकशी  देती है बड़ी सकूँ भी जिंदगी में, कभी बनकर मेरी तरह बंजारे देखना। मुझे जब भी देखा तुमने मेरे ऐब ही देखा एक सितम है आधे नज़ारे देखना।। उनकी आरजू न कर  तेरे जो न हो सके , छोड़ दो  ' प्रसाद ' दिन में तारे देखना। - मथुरा प्रसाद वर्मा " प्रसाद http://sivprasadsajag.blogspot.in/