चमकेंगी किसी दिन, ये सितारे देखना। सच होंगे कभी सपने भी हमारे देखना। देखना उनको मेरा , इस तरह देखना , किसी डुबते का जैसे कि किनारे देखना। जब तुमको ठुकरा देगा कोई तुम्हारे जैसा काम आयेंगे हम ही तुम्हारे देखना।। फांकाकशी देती है बड़ी सकूँ भी जिंदगी में, कभी बनकर मेरी तरह बंजारे देखना। मुझे जब भी देखा तुमने मेरे ऐब ही देखा एक सितम है आधे नज़ारे देखना।। उनकी आरजू न कर तेरे जो न हो सके , छोड़ दो ' प्रसाद ' दिन में तारे देखना। - मथुरा प्रसाद वर्मा " प्रसाद http://sivprasadsajag.blogspot.in/
न जाने कब मौत की पैगाम आ जाये जिन्दगी की आखरी साम आ जाए हमें तलाश है ऐसे मौके की ऐ दोस्त , मेरी जिन्दगी किसी के काम आ जाये.