होरी हर मन मा जलय, मिटय कुमत कुविचार।
मथुरा मया गुलाल ले, नाचय बीच बजार।
नाचय बीच बाजार, फाग गा गा संगी।
मदहा समझय लोग, समझ ले कोई भंगी।
पिचकारी भर रंग, छन्द बरसाहँव गोरी।
साधक सब सकलाय, मात गे हमरो होरी।
Sunday 16 August 2020
कुण्डलिया
Saturday 15 August 2020
एक पैरोडी
कइसे तरे
कइसे तरे
कइसे तरे हो रामा कइसे तरे।
भजन बिना प्राणी कइसे तरे।
भटक रहा दुनियाँ क्यों मारा मारा ।
क्या लेके आया था क्या है तुम्हारा।1।
जब तक तू पर हेत खोदेगा खाई।
सुख पायेगा कैसे तू मेरे भाई।2।
ये दुनियादारी तुझको तो दुख देगा भारी।
आनंद के सागर है मेरे बाकेबिहारी।2।
इस दुनिया मे किसका कौन है सहारा।
रामनाम जप मनवा तू पायेगा किनारा ।4।
भजन श्यामसुंदर है भजन सुर-मीरा ।
भजन राम तुलसी और पागल कबीरा।5।
मुक्तक
चरण की वंदना करके, नवा कर शीश बोलूंगा।
सिया मजबूरियों ने था, ओठ वो आज खोलूंगा।
मेरी हक की जो रोटी है मुझे देदो मैं भूखा हूँ,
नहीं तो बाजुओं से फिर तेरी औकात तोलूँगा।
तेरी कुर्सी तेरा सत्ता सियासत आज रोयेगा।
मेरी आँखों का पानी आज सारे दाग धोएगा।
मेरा बच्चा जो रोता आया सदियो भूख के आशु,
जो आशु आँख से उतरा यहाँ बारूद बोयेगा।
ढाई इंच मुस्कान
सुरज बनना मुश्किल है पर , दीपक बन कर जल सकते हो। प्रकाश पर अधिकार न हो, कुछ देर तो तम को हर सकते हो । तोड़ निराश की बेड़ियाँ, ...
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अंधियारों ने बहुत सताया नया सबेरा लाना है!! गावं -गावं और घर-घर जाकर दीप नए जलना है !! जब-जब अत्याचार बढे है ;हमने यही पुकारा है ! हर ...
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सूरज निकलता रहा हर दिन हर दिन लाल होता रहा आकाश पक्षी चहकते रहे' हवाएं चलती रही झूमती रही डालियाँ । उठ...