Tuesday 29 October 2013

क्या क्या करें ?

क्या क्या करें
क्या क्या न करें ।
हमने उनपे सब छोड़ा है
जो करना है वो खुदा करे ।

बचपन की उखड़ती सांसे है।
ममता की बेबस आँखें है।
वो फिर भी महल बनायेंगे;
कोई मरता है तो मरा करे ।

यहाँ ख़ून से आटा सनती है।
तब जाकर रोटी बनती है।
हर दाने पर पहरे बैठे है;
जिन्हें भूख लगे वो दुवा करे।

जब जुल्म की आंधी चलती है।
इन्साफ कुचल दी जाती है।
यहाँ न्याय गवाही मांगेगी;
अन्याय भले ही हुआ करे।

यहाँ सच हमेसा हरता है।
और झूठ ही बजी मरता है।
"प्रसाद"मगर सच बोलेगा;
कोई सुने या अनसुना करे।।

- मथुरा प्रसाद वर्मा'प्रसाद'

Tuesday 22 October 2013

सर्दी बड़ी बेदर्दी

नाक आखिर नाक है;
बहे नहीं तो करे क्या?
रुमाल  गन्दा न  करे;
तो कोई मरे क्या?
आजाये आनी अगर है;
यूँ तड़पाती है क्यों?
एक मीठा दर्द बनकर
सर पे चढ़ जाती है क्यों?
ये जो अपनों छिक है
ये बड़ी ढी ठ है।
नाक पर आ कर अगर
न आए तो करे क्या?
ये एक ऐसा मर्ज है;
सच बड़ा  ख़ुदगर्ज है।
नाक पे है नकचड़ी ।
सिर का सिरदर्द है।
न चैन दे पल भर
न रात को नीद दे
खर्राटे सुन क्र रात भर
कोई न डरे तो डरे क्या?

Saturday 19 October 2013

प्यार मुहब्बत इश्क्

गरीब है यारों रो भी नहीं सकते ;
लोग रोने का दूसरा मतलब निकाल लेंगे ।
मै मुहब्बत में हारा हु रोना चाहता हु
लोग भूखा समझ कर सिक्कउछाल देंगे।।

ये दुनिया है दोस्त पहले रुलायेंगे आपको
आंशु पोछने को फिर कोई रुमाल देंगे ।।
ये प्यार मुहब्बत इश्क है या की दुकानदारी ।
पहले ग्राहक देखेंग फिर तोल कर माल देंगे ।।

Wednesday 16 October 2013

नेता के दोहे।


1
नेता करे न चाकरी, चमचा करे न काम।
दास मथुरा जी कह गए, जीवन हुआ हराम।।

2
नेता जी कुरसी राखिए, तन अपने चिपकाय ।
सकल  देश को डारिये, बेच बेच के खाय ।।

3
पल भर में ऊँचा उड़े, पलभर में गिर जाय।।
बेसरम जैसे लोग ये , मोल मिले बिक जाय।।

4
नेता ऐसा चाहिए , नमक देश का खाए।
देश हित में जीवन हो,देशहीत मिट जाए ।।

5
मित्र मेरे इस दौर में,सोच समझ  के वोट।
बैपारी  नेता बने ,बाँट रहे हैं नोट।।

6
नेता देखन मैं गया, नेता न मिला कोय।
रचते अलग स्वांग है, अभिनेता सब कोय।।

7
अपनी अपनी रोटियां, सेक सेक के खाय ।।
अब जनता हैं सोचता, मेरा  कौन उपाय।।

ढाई इंच मुस्कान

सुरज बनना मुश्किल है पर , दीपक बन कर जल सकते हो। प्रकाश पर अधिकार न हो, कुछ देर तो तम को हर सकते हो । तोड़ निराश की बेड़ियाँ, ...