सपने बड़े निराले देंगे।।
हर रोज नए घोटाले देंगे।।
राजनेता हम इस देश को।
बीवी ,बच्चे और साले देंगे।।
चाबी दे दे कर चोरों को
फोकट में सबको ताले देंगे।।
घासलेट महंगी हुई तो क्या है
नई दुल्हन को जलाने देंगे।।
सीमेंट ,रेत ,छड़ खाने वाले
भूखों को क्या निवाले देंगे।
काम न दे पाये हाथो को
तो त्रिशूल तलवार भाले देंगे।
अख़बार चलाने वाले हम तुमको
हर रोज नए मसाले देंगे ।
घर अपना जलाकर 'प्रसाद'
कब तक गैरो को उजाले देंगे।