एक दिन वो पार जाबो ये भरोसा कर चलव। पोठ रख विस्वास मन के छोड़ जम्मो डर चलव। मँय सुरुज के सारथी बन लड़ जहूँ अँधियार ले, जे विहिनिया चाहथे वो मोर अँगरी धर चलव।
न जाने कब मौत की पैगाम आ जाये जिन्दगी की आखरी साम आ जाए हमें तलाश है ऐसे मौके की ऐ दोस्त , मेरी जिन्दगी किसी के काम आ जाये.