इतने हैं मिले जख्म के दिल तार तार है। उसपे ये सितम, कहते है कहो न प्यार है। कटेंगे कैसे तू बता जिंदगी के चार दिन , न कोई आरजू है न किसी का इंतजार है। हर एक हार किसी जीत की शुरुवात होती है। हर सुबह से पहली एक लम्बी रात होती है । जो हिम्मत हारते नहीं है गिर गिर के राहो में मुकद्दर में उनहीं जीत की सौगात होती है ।
न जाने कब मौत की पैगाम आ जाये जिन्दगी की आखरी साम आ जाए हमें तलाश है ऐसे मौके की ऐ दोस्त , मेरी जिन्दगी किसी के काम आ जाये.