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शेरोशायरी

   इतने हैं मिले जख्म के दिल तार तार है।
  उसपे ये सितम, कहते है कहो न प्यार है।
  कटेंगे   कैसे तू बता जिंदगी के चार दिन ,
  न कोई आरजू है न किसी का  इंतजार है।

हर एक हार किसी जीत की शुरुवात होती है।
हर सुबह से पहली एक लम्बी रात होती है ।
जो हिम्मत हारते नहीं है गिर गिर के राहो में
मुकद्दर में उनहीं जीत की सौगात होती है । 




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