इतने हैं मिले जख्म के दिल तार तार है।
उसपे ये सितम, कहते है कहो न प्यार है।
कटेंगे कैसे तू बता जिंदगी के चार दिन ,
न कोई आरजू है न किसी का इंतजार है।
हर एक हार किसी जीत की शुरुवात होती है।
हर सुबह से पहली एक लम्बी रात होती है ।
जो हिम्मत हारते नहीं है गिर गिर के राहो में
मुकद्दर में उनहीं जीत की सौगात होती है ।
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