नजर में हो कोई परदा, नजारा हो तो कैसे हो ।।
कोई जब डूबना चाहे , किनारा हो तो कैसे हो।।
किसी के हो न पाये तुम, यहां पल भी मुहब्बत में,
बताओ तुम यहाँ कोई, तुम्हारा हो तो कैसे हो।
नजर में हो कोई परदा, नजारा हो तो कैसे हो ।।
कोई जब डूबना चाहे , किनारा हो तो कैसे हो।।
किसी के हो न पाये तुम, यहां पल भी मुहब्बत में,
बताओ तुम यहाँ कोई, तुम्हारा हो तो कैसे हो।
212 212 212 212। ऐसे झूठे बहाने से क्या फायदा। रूठ कर मान जाने से क्या फायदा। प्यार है दिल में तो क्यों न महसूस हो, है नहीं फिर ...