सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

मई, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मुक्तक

तुझको खयालो में सही कुछ तो मैंने पाया था। ख्वाब टूटा तो ये जाना कि वो  तेरा साया था। तू चला जा कि अब मैं लौट कर न जाऊंगा, मैं तेरे साथ बहुत दूर चला आया था।