तुझको खयालो में सही कुछ तो मैंने पाया था।
ख्वाब टूटा तो ये जाना कि वो तेरा साया था।
तू चला जा कि अब मैं लौट कर न जाऊंगा,
मैं तेरे साथ बहुत दूर चला आया था।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
ढाई इंच मुस्कान
सुरज बनना मुश्किल है पर , दीपक बन कर जल सकते हो। प्रकाश पर अधिकार न हो, कुछ देर तो तम को हर सकते हो । तोड़ निराश की बेड़ियाँ, ...
-
छत्तीसगढिया शायरी 1 . बहुत अभिमान मैं करथौ, छत्तीसगढ के माटी मा । मोर अंतस जुड़ा जाथे, बटकी भर के बसी मा। ये माटी नो हाय महतारी ये,...
-
अंधियारों ने बहुत सताया नया सबेरा लाना है!! गावं -गावं और घर-घर जाकर दीप नए जलना है !! जब-जब अत्याचार बढे है ;हमने यही पुकारा है ! हर ...
-
सूरज निकलता रहा हर दिन हर दिन लाल होता रहा आकाश पक्षी चहकते रहे' हवाएं चलती रही झूमती रही डालियाँ । उठ...
गजब के मुक्तक सिरजाय हव वर्मा जी
ReplyDeleteसादर—
चारीचुगली : पर्यावरण ले जुरे हमर संस्कृति
———————
चहलकदमी Chahalkadami: अनुष्का शेट्टीः राजमाता शिवगामी का घमंड और देवसेना के गुरूर से बाहुबली-2 सुपर-डुपर हिट