उठने लगे है कदम धीरे धिरे।
ये कहां जा रहे है हम धीरे धीरे।
नफरतें बढ़ी है मगर क्यों दिलों में
मुहब्बत हुई है कम धीरे धीरे।।
हमने सहा है हम ही सहेंगे
सनम तू करले सितम धीरे धीरे।।
मेरे बिश्वास को किया तार तार,
आज खा रहे है कसम धीरे धीरे।।
वो जब मुस्कुराये तुम ये समझाना
निकलने लगा है मेरे दम धीरे धीरे।।
प्रसाद' ख्याल रखना वो दर्द
लगायेगे फिर मरहम धीरे धीरे।।
यही जिन्दगी है तो मेरे मौत मुझपे
करता नहीं क्यों रहम धीरे धीरे।।
ये कहां जा रहे है हम धीरे धीरे।
नफरतें बढ़ी है मगर क्यों दिलों में
मुहब्बत हुई है कम धीरे धीरे।।
हमने सहा है हम ही सहेंगे
सनम तू करले सितम धीरे धीरे।।
मेरे बिश्वास को किया तार तार,
आज खा रहे है कसम धीरे धीरे।।
वो जब मुस्कुराये तुम ये समझाना
निकलने लगा है मेरे दम धीरे धीरे।।
प्रसाद' ख्याल रखना वो दर्द
लगायेगे फिर मरहम धीरे धीरे।।
यही जिन्दगी है तो मेरे मौत मुझपे
करता नहीं क्यों रहम धीरे धीरे।।
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