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कुण्डलिया

होरी हर मन मा जलय,  मिटय कुमत कुविचार। मथुरा मया गुलाल ले, नाचय बीच बजार। नाचय बीच बाजार, फाग गा गा संगी। मदहा समझय लोग, समझ ले कोई भंगी। पिचकारी भर रंग, छन्द बरसाहँव गोरी। साध...

एक पैरोडी

कइसे तरे कइसे तरे कइसे तरे हो रामा कइसे तरे। भजन बिना प्राणी कइसे तरे। भटक रहा दुनियाँ  क्यों मारा मारा । क्या लेके आया था क्या है तुम्हारा।1। जब तक तू पर हेत खोदेगा खाई। सु...

मुक्तक

चरण की वंदना करके, नवा कर शीश बोलूंगा। सिया मजबूरियों ने था, ओठ वो आज खोलूंगा। मेरी हक की जो रोटी है मुझे देदो मैं भूखा हूँ, नहीं तो बाजुओं से फिर तेरी औकात तोलूँगा। तेरी कुर्...