कोई कितना भी पुकारे, पाँव पर हिलता नहीं।
भीड़ है चारो तरफ पर आदमी मिलता नहीं।
आज कल क्या हो गया है, बागबां को दोस्तों,
खार है हर साख पर बस, गुल कोई खिलता नहीं।
212 212 212 212। ऐसे झूठे बहाने से क्या फायदा। रूठ कर मान जाने से क्या फायदा। प्यार है दिल में तो क्यों न महसूस हो, है नहीं फिर ...
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