212 212 212 212। ऐसे झूठे बहाने से क्या फायदा। रूठ कर मान जाने से क्या फायदा। प्यार है दिल में तो क्यों न महसूस हो, है नहीं फिर जताने से क्या फायदा। थी जरूरत तभी आप आये नहीं, आप के रोज आने से क्या फायदा। भूखे थे तब मिला दो निवाला नहीं, मर गयी भूख खाने से क्या फायदा। आ सके ना किसी के किसी काम के, फिर अमीरी दिखाने से क्या फायदा। धर पे है नहीं छाँव माँ बाप को, इतने पैसे कमाने से क्या फायदा।...
न जाने कब मौत की पैगाम आ जाये जिन्दगी की आखरी साम आ जाए हमें तलाश है ऐसे मौके की ऐ दोस्त , मेरी जिन्दगी किसी के काम आ जाये.