वो रोयेगा, चीखेगा और कभी चिल्लाएगा !!
तड़प - तड़प के किसी दिन मर जायेगा !!
वो आम आदमी है सुनेगा उसकी कौन ?
कौन उसकी बात पे अपना सर खापयेगा !!
बच ही जायेंगे गुनहगार जैसे तैसे ;
वो अपनी बेगुनाही की सजा पायेगा !!
सब फिरते है यहाँ कालिख लेकर मेरे दोस्त ;
तू अपने दमन को कहाँ कहाँ बचाएगा !!
मेरे महबूब को तुम देख का पहचानना;
मेरे ज़ख्म देखकर वो मुस्कुराएगा !!
वो रोटी मांगता हुआ भूख से मर भी गया ;
देखना गुन्हगारों में उसका नाम भी आएगा !!
तड़प - तड़प के किसी दिन मर जायेगा !!
वो आम आदमी है सुनेगा उसकी कौन ?
कौन उसकी बात पे अपना सर खापयेगा !!
बच ही जायेंगे गुनहगार जैसे तैसे ;
वो अपनी बेगुनाही की सजा पायेगा !!
सब फिरते है यहाँ कालिख लेकर मेरे दोस्त ;
तू अपने दमन को कहाँ कहाँ बचाएगा !!
मेरे महबूब को तुम देख का पहचानना;
मेरे ज़ख्म देखकर वो मुस्कुराएगा !!
वो रोटी मांगता हुआ भूख से मर भी गया ;
देखना गुन्हगारों में उसका नाम भी आएगा !!
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