डूबने वाले को इतना सहारा तो है।
पल दो पल साथ तेरे गुजारा तो है।।
कही तो नाचती है मुस्कान की दुल्हन
ओठ मेरा न सही तुम्हारा तो है।
पल दो पल साथ तेरे गुजारा तो है।।
कही तो नाचती है मुस्कान की दुल्हन
ओठ मेरा न सही तुम्हारा तो है।
न जाने कब मौत की पैगाम आ जाये जिन्दगी की आखरी साम आ जाए हमें तलाश है ऐसे मौके की ऐ दोस्त , मेरी जिन्दगी किसी के काम आ जाये.
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें