रोटियां तब भी बिकती थी।
रोटियां अब भी बिकती है।
रोटियां वो भी बेचते थे
रोटियां ये भी बेचते है।
फर्क है बस इतना
कि तब हम रोटियां खरीद नहीं पाते थे।।
अब रोटियां खा नहीं पाते।
क्यू कि
भूख तब भी नहीीं बिकता था
भूख अब भी नही बिकता है।
न जाने कब मौत की पैगाम आ जाये जिन्दगी की आखरी साम आ जाए हमें तलाश है ऐसे मौके की ऐ दोस्त , मेरी जिन्दगी किसी के काम आ जाये.
रोटियां तब भी बिकती थी।
रोटियां अब भी बिकती है।
रोटियां वो भी बेचते थे
रोटियां ये भी बेचते है।
फर्क है बस इतना
कि तब हम रोटियां खरीद नहीं पाते थे।।
अब रोटियां खा नहीं पाते।
क्यू कि
भूख तब भी नहीीं बिकता था
भूख अब भी नही बिकता है।
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