Tuesday, 2 June 2015

रोटी और भूख

रोटियां तब भी बिकती थी।
रोटियां अब भी बिकती है।

रोटियां वो भी बेचते थे
रोटियां ये भी बेचते है।

फर्क है बस इतना

कि तब हम रोटियां खरीद नहीं पाते थे।।
अब रोटियां खा नहीं पाते।

क्यू कि
भूख तब भी नहीीं बिकता था
भूख अब भी नही बिकता है।

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