Sunday, 13 January 2019

दोहे

जब जब मेरी भूख ने, माँग लिया अधिकार।
तब तब रोटी रुठ कर, खोज रही मनुहार।

अम्मा जाने बेहतर, बच्चों से संसार ।
क्यों बकरी से भेड़िया, जता रहा है प्यार।

पतझर मुझसे माँगता, मेरा  रोज  बसन्त।
सावन नैनो को सदा, देकर जाते कन्त।


लाेकतंत्र है बावरे, क्यों कर रहा बवाल।
बढ़िया छुरा देख कर, हो जा आज हलाल।





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