कौन छुरे को देख कर, बकरा करे बवाल।
गले लगा कर तू बता, किससे होय हलाल।
किससे होय हलाल, आज ये चुनना होगा।
अब सब कर मतदान, सिर को धुनना होगा।
ले सारे पहचान , आदमी आज बुरे को।
आज समझ कर चाल, तोड़ दे कौन छुरे को।
सुरज बनना मुश्किल है पर , दीपक बन कर जल सकते हो। प्रकाश पर अधिकार न हो, कुछ देर तो तम को हर सकते हो । तोड़ निराश की बेड़ियाँ, ...
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