कौन छुरे को देख कर, बकरा करे बवाल।
गले लगा कर तू बता, किससे होय हलाल।
किससे होय हलाल, आज ये चुनना होगा।
अब सब कर मतदान, सिर को धुनना होगा।
ले सारे पहचान , आदमी आज बुरे को।
आज समझ कर चाल, तोड़ दे कौन छुरे को।
न जाने कब मौत की पैगाम आ जाये जिन्दगी की आखरी साम आ जाए हमें तलाश है ऐसे मौके की ऐ दोस्त , मेरी जिन्दगी किसी के काम आ जाये.
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