जिसने भी ऊगली थमाई ताकि खड़े होके,
निज पाँव चल सके करे निज काम जी।
गरदन उनकी मरोड़ने बढ़ाए हाथ,
करते हैं पग पग उन्हें बदनाम जी।
ऐसे परबुधियों को नर्क भी नसीब न हो,
करते है खुद की ही जिंदगी हराम जी।
जिस थाली खाई उस थाली को ही छेदते है,
ऐसे लोग भूखे मर जाये मेरे राम जी।
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