ज़माना छोड़ दे तन्हा,नजर सायें भी न आये ।
तुम इतना दुआ करना कि अपना साथ न छूटे ।।
भले मझधार में हो कश्ती तूफा कहर बरपाये।
तुम इतना हौसला रखना मेरा हाथ न छूटे।।
शौक से मुस्कुराना तुम तुम्हारे मुस्कुराने से
मगर ये ख्याल भी रखना किसी का दिल कही न टूटे।।
महफ़िल है तो महफ़िल में बहुत् होंगे शिकायते
किसी के रूठ जाने से मगर ये महफ़िल न टूटे।
तुम इतना दुआ करना कि अपना साथ न छूटे ।।
भले मझधार में हो कश्ती तूफा कहर बरपाये।
तुम इतना हौसला रखना मेरा हाथ न छूटे।।
शौक से मुस्कुराना तुम तुम्हारे मुस्कुराने से
मगर ये ख्याल भी रखना किसी का दिल कही न टूटे।।
महफ़िल है तो महफ़िल में बहुत् होंगे शिकायते
किसी के रूठ जाने से मगर ये महफ़िल न टूटे।
सुंदर काफ़िया मिलाय हैं, बहुत बहुत बधाई।
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