अंधियारों ने बहुत सताया नया सबेरा लाना है!!
गावं -गावं और घर-घर जाकर दीप नए जलना है !!
जब-जब अत्याचार बढे है ;हमने यही पुकारा है !
हर जोर जुलम के टक्कर मैं; संघर्ष हमारा नारा है!
हम भारत नन्हे सिपाही ;माँ की लाज बचायेंगे बचायेंगे !
जिस दुश्मन ने आँख उठाई हम उनसे टकरायेंगे !
आन हमें भारत माता का प्राणों से भी प्यारा है !!
हर जोर जुल्म के
न मंदिर न मस्जिद न गिरिजा घर गुरुद्वार हो !
ये चाहत है मानवता की ; आपस में भाई चारा हो !
मिटायें आओ हर शोषण को ; यह संकल्प हमारा है !!
हर जोर जुल्म के
शांति त्याग और खुशहाली का प्रीतिक प्यारा तिरंगा है !
आन हमारा शान हमारा जान हमारा तिरंगा है !
झुकाना इसका मंजूर नहीं ;मर जाना हमें गवारा है !!
हर जोर जुल्म के
गावं -गावं और घर-घर जाकर दीप नए जलना है !!
जब-जब अत्याचार बढे है ;हमने यही पुकारा है !
हर जोर जुलम के टक्कर मैं; संघर्ष हमारा नारा है!
हम भारत नन्हे सिपाही ;माँ की लाज बचायेंगे बचायेंगे !
जिस दुश्मन ने आँख उठाई हम उनसे टकरायेंगे !
आन हमें भारत माता का प्राणों से भी प्यारा है !!
हर जोर जुल्म के
न मंदिर न मस्जिद न गिरिजा घर गुरुद्वार हो !
ये चाहत है मानवता की ; आपस में भाई चारा हो !
मिटायें आओ हर शोषण को ; यह संकल्प हमारा है !!
हर जोर जुल्म के
शांति त्याग और खुशहाली का प्रीतिक प्यारा तिरंगा है !
आन हमारा शान हमारा जान हमारा तिरंगा है !
झुकाना इसका मंजूर नहीं ;मर जाना हमें गवारा है !!
हर जोर जुल्म के
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