नशा, नश-नश में समाई आज के समाज के !
नशे के गुलाम हो रहे सारे नवजवान आज के !
पीढ़ी - दर-पीढ़ी इसका प्रचार चल रही है !
इसी के कमाई से तो ये सरकार चल रही है !
212 212 212 212। ऐसे झूठे बहाने से क्या फायदा। रूठ कर मान जाने से क्या फायदा। प्यार है दिल में तो क्यों न महसूस हो, है नहीं फिर ...
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