माँ छोटी सी बन्दुक दे-दे , मैं सेना में जाऊंगा ! डटा रहूगा सरहद पर, भारत की लाज बचाउंगा ! आज देश की माटी का , जन जन को यही पुकार है ! जो देश के काम न आये , उस जीवन को धिक्कार है!! मैं अपने लहू का कतरा-कतरा , देश हित में बहाऊंगा ! कर दूंगा सीना छलनी-छलनी , दुश्मन को धुल चटाउंगा !! रणभूमि में पीठ दिखाऊं, माँ ऐसा तेरा लाल नहीं ! इस देश का सच्चा सैनिक हूँ मैं , कोई भोला बाल नहीं ! लडूंगा आंखरी साँस तक, दुश्मन को मजे चखाऊंगा ! रक्षा करता देश का मैं , सीने में गोली खाऊंगा !! माँ तू आँशु मत बहाना , जब मैं मारा जाऊंगा ! मातृभूमि की रक्षा करने फिर तेरी कोख से आउँगा youtube पर यह कविता सुने