चमकेंग किसी दिन तो सितारे देखना !
साचा होंगे कभी सपने भी हमारे देखना !
उनको देखना ,मेरा इस तरह देखना;
डूबते किस्ती का जैसे किनारे देखना !
फांकाकासी देती है सुकून क्या जिंदगी में;
बना तुम मेरी तरह बंजारे देखना !
जब भी देखा तुने , मेरा ऐब ही देखा ;
जुल्म है तेरा यूँ आधे नज़ारे देखना !
जब कोई ठुकराएगा तुमको ,तुम्हारी तरह ;
कम आयेंगे मेरे अंशु तुम्हारे देखना,
वो पराये हो गए ,उनकी आरजू न कर ;
छोड़ दो प्रसाद दिन में तारे देखना !
मथुरा प्रसाद वर्मा "प्रसाद"
साचा होंगे कभी सपने भी हमारे देखना !
उनको देखना ,मेरा इस तरह देखना;
डूबते किस्ती का जैसे किनारे देखना !
फांकाकासी देती है सुकून क्या जिंदगी में;
बना तुम मेरी तरह बंजारे देखना !
जब भी देखा तुने , मेरा ऐब ही देखा ;
जुल्म है तेरा यूँ आधे नज़ारे देखना !
जब कोई ठुकराएगा तुमको ,तुम्हारी तरह ;
कम आयेंगे मेरे अंशु तुम्हारे देखना,
वो पराये हो गए ,उनकी आरजू न कर ;
छोड़ दो प्रसाद दिन में तारे देखना !
मथुरा प्रसाद वर्मा "प्रसाद"
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