Thursday, 20 October 2011

कोई हादसा हो गया होगा !


कोई हादसा हो गया होगा !
वो चलते-चलते सो गया होगा !

बदहवास गलियों में फिरता है,
कोई अपना खो गया होगा !

दुशमनो को मेरे फुरशत नहीं है,
कोई दोस्त ही कांटे बो गया होगा !

वो आज-कल मुंह छिपता रहता है,
रूबरू आईने से हो गया होगा !

प्रसाद' मेरा कफन अब भी गिला है,
कोई छुप-छुप के रो गया गया होगा !

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