कोई हादसा हो गया होगा !
वो चलते-चलते सो गया होगा !
बदहवास गलियों में फिरता है,
कोई अपना खो गया होगा !
दुशमनो को मेरे फुरशत नहीं है,
कोई दोस्त ही कांटे बो गया होगा !
वो आज-कल मुंह छिपता रहता है,
रूबरू आईने से हो गया होगा !
प्रसाद' मेरा कफन अब भी गिला है,
कोई छुप-छुप के रो गया गया होगा !
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