Thursday 20 October 2011

वन्दे मातरम !


भारत माता का है दुलार  वन्दे मातरम !
हम नवजवानों के दिलों का तार वन्दे मातरम !

वो न हिन्दू थे ,न मुस्लमान ,न सिख थे ,न पारसी ,
जो झेलते थे गोलियां पुकार वन्दे मातरम !

जो जालिमों के सामने मुल्क को बाधें रखा
आजाद वतन में हुवा क्यूँ बेकार वन्दे मातरम !

तेरे खून में देखना ,फिर उबल आजायेगा ,
कह के तो देख दिल से एक बार वन्दे मातरम !

अब बाज़ आ, छोड़ो सियासत , इस पर तो मेरे हमवतन 
चाँद वोटों के खातिर न बेच सरे बाज़ार वन्दे मातरम !

ए मेरे भाई भला तू क्यूँ मुकर रहा 
आज तो कह रहा है सारा संसार वन्दे मातरम !

माँ को माँ  कहने में जिनको शर्म आती हो 'प्रसाद''
कह नहीं सकता कभी वो गद्दार वन्दे मातरम !

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