भारत माता का है दुलार वन्दे मातरम !
हम नवजवानों के दिलों का तार वन्दे मातरम !
वो न हिन्दू थे ,न मुस्लमान ,न सिख थे ,न पारसी ,
जो झेलते थे गोलियां पुकार वन्दे मातरम !
जो जालिमों के सामने मुल्क को बाधें रखा
आजाद वतन में हुवा क्यूँ बेकार वन्दे मातरम !
तेरे खून में देखना ,फिर उबल आजायेगा ,
कह के तो देख दिल से एक बार वन्दे मातरम !
अब बाज़ आ, छोड़ो सियासत , इस पर तो मेरे हमवतन
चाँद वोटों के खातिर न बेच सरे बाज़ार वन्दे मातरम !
ए मेरे भाई भला तू क्यूँ मुकर रहा
आज तो कह रहा है सारा संसार वन्दे मातरम !
माँ को माँ कहने में जिनको शर्म आती हो 'प्रसाद''
कह नहीं सकता कभी वो गद्दार वन्दे मातरम !
No comments:
Post a Comment