अपने हालत पे यूँ लाचार हो गए हैं.
आम थे कभी, आचार हो गए हैं.
अपनी आजादी पे किसकी नज़र लगी प्यारे
उम्र भर के लिए गिरफतार हो गए हैं .
भूख लगी हमने तो रोटी क्या मांग ली,
उनकी निगाहों में गुनहगार हो गए हैं .
वो देने आया था दर्देदिल का दवा हमें
सुना है इन दिनों बीमार हो गया हैं.
सुना है कुछ बेईमान लोगों ने कैसे ,
कुछ जोड़ तोड़ की है ओर सरकार हो गए है
दुवा मांगी थी कभी खुशियों की मैंने
उसी दिन से मेरे हाथ बेकार हो गए है
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