बचपन है क्यू सहमा सहमा ?
क्यू ममता घबराई है ?
बहाना के हंसी को क्या हो गई है ?
वो किलकारी कहाँ खो गई है ?
क्यों हो गया है आँगन सुना ?
गलियां क्यों वीरान हुई ?
आतंकित है क्यों गाँव गाँव ?
इनसान है क्यों खौफ खाया ?
वही धरती, वही माटी ,
वही सूरज ,वही चाँद है !
आंखिर क्यों बदला बदला सा
आज का इन्सान है ?
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