Thursday 20 October 2011

तेरा नाम नहीं भूले !


हम  भूल   गए   सारी  दुनिया , वो  साम  नहीं  भूले ! 
खुद  को  भुला   दिया  मगर .  तेरा  नाम  नहीं  भूले  !

तेरी  जुल्फों  के  साये  में  गुजरे  वो चाँद  लम्हें ;
और  होठों  से  छलकती  वो जाम   नहीं  भूले !

वो  रोतों  की   ख़ामोशी  और चुपके  से   तेरा  आना   ;
वो गलियां  , वो रस्ते  , वो मुकाम  नहीं भूले !

एक  भूल  ही  सही , कभी   प्यार   किया  था  हमने  ;
उस   नाकाम  मुहब्बत  का अंजाम  नहीं भूले !

वो टूट  कर दिल  का सरेआम   बिखर   जाना ;
और खुद  पर  लगा  हर  इलज़ाम   नहीं  भूले.,

वो घुघट  की ओत  में  दुबक   कर  सिसकना ;
और नज़रों  का  आंखरी  सलाम  नहीं भूले !

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